चूरू, 02 जनवरी। महीने के प्रथम गुरुवार को होने वाली जन सुनवाई में घांघू ग्राम पंचायत आईटी सेंटर पहुंचे तहसीलदार अशोक गोरा ने ग्रामीणों से राज्य सरकार की ओर से विभिन्न विभागों के जरिए दी जाने वाली सेवाओं और योजनाओं को लेकर फीडबैक लिया और जागरुक रहकर योजनाओं का लाभ उठाने की बात कही।

इस मौके पर तहसीलदार गोरा ने ग्रामीणाें से विभिन्न योजनाओं और सेवाओं के बारे में पूछा, जिस पर ग्रामीणों ने सभी सेवाओं की संतोषजनक होना बताया। इस पर तहसीलदार ने कहा कि योजनाओं का लाभ स्वयं लेने के साथ-साथ अंतिम छोर के पात्र एवं जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि वर्तमान समय शिक्षा और तकनीक का है, अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलवाएं और बालिका शिक्षा पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि शिक्षा एवं जागरुकता पर ध्यान देने वाले गांव हमेशा मिसाल बनते हैं।
सरपंच विमला देवी ने ग्राम पंचायत में किए गए विकास कार्यों की जानकारी दी और ग्राम पंचायत की विभिन्न जरूरतों से अवगत करवाया। ग्राम विकास अधिकारी विक्रम गुर्जर ने बताया कि राज्य सरकार की मंशा के अनुसार आमजन को सभी सुविधाओं, योजनाओं का समुचित लाभ दिया जा रहा है।

तहसीलदार गोरा ने इस दौरान ग्राम पंचायत के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया तथा विभिन्न व्यवस्थाओं की सराहना की। इस दौरान डॉ अरूणपाल गोदारा ने स्वास्थ्य केंद्र में दी जा रही सेवाओं, ओपीडी आदि के बारे में जानकारी दी। जीएसएस के पूर्व अध्यक्ष परमेश्वर लाल दर्जी, बन्ने खां, अशोक मेघवाल, गुलशन भार्गव, अजय जांगिड़, हुकुमचंद यादव, सत्तार खां, हबीब खां, ओम धेतरवाल, मूलाराम कस्वां, दीनदयाल सैनी, शिवकुमार जांगिड़ सहित विभिन्न विभागों के कार्मिक एवं ग्रामीण मौजूद थे।
—
(समाचार/कुमार अजय/सहायक निदेशक/चूरू)
—
निजी हो या सार्वजनिक, बोरवेल खुला पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ होगी कार्यवाही
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 152 अंतर्गत जिला कलक्टर अभिषेक सुराणा ने खुले, परित्यक्त बोरवेल को लेकर जारी किए आदेश
चूरू, 2 जनवरी। जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अभिषेक सुराणा ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 152 अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए संपूर्ण चूरू जिले में खुले, परित्यक्त बोरवेल, ट्यूबवेल व अकार्यशील कुओं से संभावित दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के आदेश जारी किए हैं।
आदेश में कहा गया है कि जिले में खुले पड़े बोरवेल, ट्यूबवेल, गहरे गड्ढे, बरसाती नाले, सीवर के मुहाने एक सप्ताह के अन्दर बन्द करवाए जाएं। किसी निजी, पंचायत, सरकारी, गैर सरकारी संस्था के क्षेत्र में बोरवेल, ट्यूबवेल, गहरे गढ्ढे, सीवर के ढक्कन खुले हैं, तो संबंधित एजेन्सी एक सप्ताह में उन्हें पूरी तरह से बन्द करना सुनिश्चित करे। किसी मार्ग या लोक स्थान के पास स्थित तालाब, कुएं या उत्खात को इस प्रकार से बाड़ लगा दी जाये कि जनता को होने वाले खतरे का निवारण हो सके।
संबंधित अधिकारियों को कोई बोरवेल, ट्यूबवेल खुला पाए जाने पर बोरवेल, ट्यूबवेल मालिक को उसे तारबंदी से अथवा मिट्टी, बजरी, कंकड़, ड्रिल कटिंग से बंद करवाकर सुरक्षित करने हेतु पाबंद करवाने के लिए कहा गया है। बोरवेल या ट्यूबवेल को खुला या असुरक्षित छोड़ने में किसी व्यक्ति विशेष की लापरवाही होने पर राजकीय तंत्र के माध्यम से उचित कानूनी कार्यवाही की जाएगी। परित्यक्त बोरवेल को मिट्टी/रेत/पत्थर/कंकड़/ड्रिलिंग कटिंग द्वारा भरना होगा।
आदेश में कहा गया है कि नलकूप के चारों तरफ सीमेन्ट कंक्रीट के एक प्लेटफॉर्म का निर्माण किया जाना अनिवार्य है, जिसका आकार 0.50 गुणा 0.50 गुणा 0.60 मीटर होगा। यह जमीन से 0.30 मीटर नीचे तथा इतना ही ऊपर होगा। इसके अतिरिक्त स्टील की एक कैप होगी जो नलकूप के ऊपर वेल्ड की जाएगी अथवा नटबॉल्ट से फिक्स की जाएगी। जिले के नगरीय और ग्राम पंचायत क्षेत्र में असुरक्षित ट्यूबवेल, बोरवेल को बंद कर, तारबंदी करवाकर इस आशय का प्रमाण पत्र नगर और ग्राम पंचायत सुरक्षा समिति को जारी करना होगा।
जिला कलक्टर ने सभी उपखंड अधिकारियों, पंचायत समिति विकास अधिकारियों, नगर निकाय अधिकारियों, पीएचईडी अधीक्षण अभियंता सहित संबंधित अधिकारियों को इस आदेश की पालना सुनिश्चित कराने तथा सभी बोरवेल, ट्यूबवेल पर सुरक्षित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। आदेश के उल्लंघन पर संबंधित के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 एवं अन्य सुसंगत विधिक प्रावधानों के कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
—
(समाचार/कुमार अजय/सहायक निदेशक/चूरू)