हमारे देश में डॉक्टर लोग इतने लापरवाह क्यों है भाई … बाबूजी सुशील कुमार सरावगी उवाच

  1. एक आदमी केवल 20 वर्षों तक तंबाकू खाता रहा। फिर उसे स्टेज 4 का कैंसर हो गया अस्पताल में भर्ती होने पर डॉक्टरों की लापरवाही से मर गया।
  2. एक आदमी 30 वर्षों तक रोज शराब पीता रहा, फिर उसका लीवर व पेनक्रियाज खराब हो गए। लेकिन अस्पताल में भर्ती होने पर डॉक्टरों की लापरवाही से मर गया।
  3. एक लड़का प्लेन की स्पीड से मोटरसाइकिल चला रहा था,नियंत्रण खत्म होने पर मोटरसाइकिल पेड़ से टकराई ।गंभीर हालत में उसे अस्पताल में भर्ती किया गया किंतु अस्पताल वालों की लापरवाही से वह भी मर गया।
  4. एक आदमी को केवल पांच बीमारियां थी शुगर,ब्लड प्रेशर,ओबेसिटी,हाई कोलेस्ट्रॉल,कोरोनरी आर्टरी डिजीज, किंतु हार्ट अटैक आने पर उसे जब अस्पताल में भर्ती किया गया तो वह भी डॉक्टरों की लापरवाही से मर गया।
  5. एक आदमी को 30 वर्षों से हाई ब्लड प्रेशर था। दवाई से थोड़ी नफरत सी थी उसे कभी खाता कभी नहीं। एक दिन उसे लकवा हो गया फिर अस्पताल में भर्ती करवाने पर वह भी डॉक्टर की लापरवाही से मर गया।
  6. एक आदमी 6 करोड़ की गड्ढे वाली सड़क पर गिर गया उसे हेड इंजरी हो गई, फिर अस्पताल में भर्ती करने पर वह भी डॉक्टरों की लापरवाही से मर गया।
  7. एक आदमी छठी मंजिल से नीचे गिर गया। बेचारा दारू पीकर डीजे पर डांस कर रहा था अस्पताल में भर्ती होने पर वह भी डॉक्टरों की लापरवाही से मर गया।
  8. एक आदमी मोब लिंचिंग का शिकार होने पर अस्पताल में भर्ती हुआ वह भी डॉक्टरों की लापरवाही से मर गया।
  9. एक आदमी जमीन विवाद में दूसरे पक्ष के द्वारा की गई गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल हो गया। फिर वह भी अस्पताल में भर्ती करने पर डॉक्टरों की लापरवाही से मर गया।

10.एक आदमी ने आत्महत्या के लिए जहर खा लिया।‌ उसे अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा और फिर वह भी डॉक्टरों की लापरवाही से मर गया।

चूंकि लाखों लोगों की मृत्यु डॉक्टरों की लापरवाही से हो रही है। ऐसी स्थिति में सरकार को चाहिए कि इलाज का कार्य डॉक्टर से ना करवाया जाए और तुरन्त इलाज का जिम्मा नेताओं, जजों, आईएएस अधिकारियों, मीडिया कर्मियों को सौंप दिया जाए। ये बात आज बाबूजी सुशील कुमार सरावगी जिंदल राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी राष्ट्रीय विचार मंच नई दिल्ली ने प्रातः काल स्वर्ण जयंती पार्क रोहिणी में कही। उन्होंने कहा चिकित्सक पर दोषारोपण करना न्यायसंगत नहीं हैं। पूरे देश में ट्रेंड चल रहा है। मरीज अपने किए गलत तरीके से स्वास्थ्य खराब होने के बाद , मरने के बाद उनके परिजन डॉक्टर पर लापरवाही बरतने का मामला दर्ज करवाते है जो गलत है और पाप है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Wordpress Social Share Plugin powered by Ultimatelysocial
YouTube