आज बाबूजी सुशील कुमार सरावगी जिंदल का अवतार दिवस मनाया जा रहा है

नई दिल्ली 21 जनवरी मंगलवार 2025 आज डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी राष्ट्रीय विचार मंच नई दिल्ली के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबूजी सुशील कुमार सरावगी जिंदल का अवतार दिवस मनाया जा रहा है। सनातन संस्कृति भवन में बाबूजी सुशील कुमार सरावगी जिंदल ने बताया किRSS की स्थापना भारत की आजादी से पहले 1925 में हुई देश में हिन्दू तब भी थे
लेकिन वो RSS के साथ नहीं, महात्मा गाँधी के साथ चले।
इस साथ के बदले गाँधी ने हिंदुओं की जमीन काट कर मुसलमानों को दे दी, वो जमीन जो हज़ारों साल से हिंदुओं की थी।
क्षणिक आवेश के बाद शांत हुआ देश का हिन्दू तब भी गोडसे के साथ नहीं गया, नेहरू के साथ गया।
चार दशक बाद,1980 में भाजपा बनी लेकिन देश का हिन्दू तब भी भाजपा के साथ नही था, इंदिरा के साथ था, राजीव के साथ था।
तब संसद भवन/ राष्ट्रपति भवन में रोजा इफ्तार होता था,हिन्दू ने कोई ऐतराज नहीं किया।
हिन्दू तो अपने घर में माता को चूनर चढ़ा कर खुश था।
हज के लिए सब्सिडी दी जा रही थी, हिन्दू तब अमरनाथ वैष्णो देवी की यात्रा में आतंकियों की गोली खा कर भी खुश था।
ट्रेनों में, पार्कों में, बसों में, सड़कों को घेर कर नमाज होती थी।
बेचारा हिन्दू खुद को बचा के कच्ची पगडंडी से घर-ऑफिस निकल जाता था।
भारत की राजधानी दिल्ली में CAA,NRC के विरोध में महीनों धरना चला, हिन्दू १५-२० किमी चक्कर लगाकर घर आफिस जाता था लेकिन फ्री के चक्कर में केजरीवाल को जिताया। भीषण दंगों का दंश झेला
पूरे देश मे वक्फ की आड़ में अनगिनत मस्जिदें बन रही थीं, हिन्दू को कोई ऐतराज नहीं था।
वो तो तब अस्पताल मांग रहा था।
जगह जगह मज़ारें बना कर जमीन कब्जाई जा रही थी, हिन्दू उन्हीं मज़ारों पर माथा टेककर अपने बच्चों के लिए स्कूल मांग रहा था।
फिर एक दिन हिंदुओं ने अपने आराध्य श्रीराम जी का अपना एक मंदिर वापस मांग लिया।
लेकिन कुछ लोग रावण की तरह अभिमान में डूबे थे।
रावण ने कहा था सीता वापस नहीं करूँगा, ये राम और इसकी वानर सेना क्या ही कर लेगी।
कलयुग के रावणों को भी लगा, मन्दिर वापस नहीं करेंगे, ये काल्पनिक राम और इसकी वानर सेना क्या ही कर लेगी।
बाबर न तो अयोध्या में पैदा हुआ था और न अयोध्या में मरा था।
उसके नाम से मस्ज़िद देश में कहीं भी बन सकती थी।
देश में हज़ारों लाखों मस्जिदों के बनने पर भी हिन्दू को ऐतराज नहीं था।
उसे चाहिए था तो बस एक मंदिर, लेकिन उसे मिला क्या?
माथे पर लगाने के लिए रामभक्तों के रक्त से सनी अयोध्या की मिट्टी, अर्चन के लिए खून से लाल सरयू का जल, अर्पण के लिए ट्रेन की बोगी में जली हुई रामभक्तों की लाशें।

अभी तक स्कूल अस्पताल नौकरी के सपनों में खोया बहुसंख्यक हिन्दू जिद पर अड़ गया। उसका स्वाभिमान जाग गया। वो उठ खड़ा हुआ, एकजुट हुआ और अपने ही देश में दोयम दर्जे का नागरिक बने रहने का अभिशाप एक झटके में उखाड़ फेंका।
बात सिर्फ एक मंदिर की थी, आज वो अपना हर मन्दिर वापस लेने की जिद पकड़ बैठा है।
हिंदुओं ने वो कर दिखाया है, जो संसार की कोई भी सभ्यता नहीं कर पाई।
न यहूदी अपने धार्मिक स्थल वापस ले पाए, न ईसाई और न पारसी।
और ना ही मुसलमान यहूदियों या ईसाइयों से अपने धार्मिक स्थल वापस ले पाए
लेकिन हिंदुओं ने इनके जबड़े में हाथ डाल कर अपने आराध्य का घर वापस ले लिया।
ये मदमस्त वानरों की टोली है,
इनके रास्ते में मत आओ,
भले ही आप राजनीति के सर्वोच्च पद पर हों या धर्म के।
ये राम की वानरसेना है, जो लड़ना भी जानती है और अब जीतना भी।
और हां अयोध्या तो झांकी है अभी हिंदू राष्ट्र व मथुरा काशी बाकी है । श्री सरावगी जी ने कहा यह वर्ष 2025 बहुत महत्वपूर्ण है। विश्व मानचित्र पर बड़े बदलाव को देख रहा हु। भारत में हिन्दू अंगड़ाई ले चुका है। देश भर में साधु संत तपस्वी और लाखों संस्थाएं हिंदुत्व को पुनः स्थापित करने की दिशा में लगे है। बालेश्वर धाम ने करोड़ों हिंदुओं में रक्त का संचार किया है। दिव्य पुरुष योगी आदित्यनाथ जी ने उत्तर प्रदेश राज्य में छल कपट की राजनीति को धराशाई किया है। उत्तराखंड में धामी जी। असम में हेमन्त जी, महाराष्ट्र में देवेन्द्र जी के नेतृत्व में पुनः हिंदुत्व की ओर बढ़ने और मुस्लिम मुक्त भारत की दिशा में एक इतिहासिक कदम है। भारत युवा शक्ति का विश्व स्तर का उभरता देश है। विश्व रत्न हमारे ह्रदय सम्राट प्रातः काल पूजनीय नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत स्मरणीय इतिहास बना रहा है। आज स्वामी विवेकानंद जी हिंदी तिथि के अनुसार जयंती है। उनको मै प्रणाम करता हु। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी राष्ट्रीय विचार मंच की नींव 21 जनवरी 2013 को संघ से प्रेरित हजारों लोगों की प्रेरणा से देश में छल कपट की राजनीति को जड़ मूल से नष्ट करने और पुनः हिन्दू सनातन संस्कृति को स्थापित करने की दिशा में स्थापना की गई। आज लाखो युवा वर्ग का प्रेरणा स्त्रोत डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी राष्ट्रीय विचार मंच है। यह कोई NGO नहीं है। विशुद्ध रूप से हिन्दू राष्ट्र निर्माण में समहित है।यह जानकारी आज विज्ञप्ति जारी कर राहुल गोयल राष्ट्रीय महामंत्री ने बताई है*

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