“कुछ लोग अपने जीवन में उन्नति करने के लिए अपनी योजनाएं बनाते हैं। उन योजनाओं को पूरा करने के लिए वे दूसरे लोगों से सहयोग भी चाहते हैं। ऐसा कर सकते हैं, इसमें कोई बुराई नहीं है।”
परंतु विशेष ध्यान देने की बात यह है, कि जब वे दूसरे लोगों से सहयोग की आशा रखते हैं, तो वहां यह भी विचार करना आवश्यक होता है, कि *"आप जिस व्यक्ति से जिस प्रकार का सहयोग लेना चाहते हैं, उसका उतना सामर्थ्य भी होना चाहिए। उसकी सहयोग देने की इच्छा भी होनी चाहिए। इसके साथ साथ अपनी योग्यता एवं पात्रता को भी देखना चाहिए, कि जिससे आप सहयोग लेना चाहते हैं, क्या आप उतना सहयोग प्राप्त करने के पात्र भी है या नहीं? यदि अपनी पात्रता उतनी न हो, तो दूसरे व्यक्ति से उतना सहयोग लेने की आशा नहीं रखनी चाहिए। यदि अपनी योग्यता और पात्रता को ध्यान में रखे बिना आप दूसरों से ऊंचा ऊंचा सहयोग लेने की आशा रखेंगे, और दूसरा व्यक्ति आप की योग्यता एवं पात्रता को देखकर आपको सहयोग नहीं देगा। तब आप निराशा में डूब जाएंगे, और आपका भविष्य बिगड़ जाएगा। इसके दोषी आप स्वयं होंगे।"*
इसलिए बुद्धिमत्ता से काम लेना चाहिए। *"दूसरों के सामर्थ्य को उनकी इच्छा और अनुकूलता को भी ध्यान रखें। तथा अपनी योग्यता एवं पात्रता को भी ध्यान में रखें। तभी किसी से कोई आशा रखें।"*
*"ऐसा करने पर आपको अपनी योजनाओं में सफलता मिलेगी। आप धीरे-धीरे जीवन में उन्नति करते जाएंगे, तथा सुखी जीवन जी पाएंगे।"सुशील कुमार सरावगी जिंदल दिल्ली 9414402558*