एक थी बेहद शरीफ भाजपा!
जिसे केवल 1 वोट से संसद भवन में गिरा दिया गया था!
और इटली की चतुर महिला गुलाबी होंटों से मंद-मंद मुस्करा रही थी,
वाजपेयी हाथ हिला-हिला कर
अपनी शैली में व्यस्त थे!
जब तक भाजपा वाजपेयी जी की विचारधारा पर चलती रही,
वो प्रभु श्रीराम के बताये मार्ग पर
चलती रही।
मर्यादा, नैतिकता, और शुचिता,
इनके लिये कड़े मापदंड तय किये गये थे। परन्तु कभी भी पूर्ण बहुमत
हासिल नहीं कर सकी।
फिर होता है नरेन्द्र मोदी का पदार्पण!… मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के चरण चिन्हों पर चलने वाली भाजपा को मोदी जी, कर्मयोगी श्री कृष्ण की राह पर ले आते हैं! श्री कृष्ण अधर्मी को मारने में किसी भी प्रकार की गलती नहीं करते हैं।…
छल हो तो छल से, कपट हो तो कपट से, अनीति हो तो अनीति से
अधर्मी को नष्ट करना ही
उनका ध्येय होता है
इसीलिये वो अर्जुन को केवल कर्म करने की शिक्षा देते हैं!
बिना सत्ता के आप कुछ भी नहीं कर सकते हैं!
इसलिये भाजपा के कार्यकर्ताओं को चाहिये कि कर्ण का अंत करते समय कर्ण के विलापों पर ध्यान ना दें!..
केवल ये देखें कि अभिमन्यु की हत्या के समय उनकी
नैतिकता कहां चली गई थी?”सुशील कुमार सरावगी जिंदल राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी राष्ट्रीय विचार मंच नई दिल्ली
एक थी बेहद शरीफ भाजपा!
