क्या था सच्चर आयोग…? जिसे 2005 में सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह सरकार लेकर आई थी।
सच्चर आयोग नाम का यह आयोग सोनिया गांधी के कहने पर बनाया गया था जिसका काम भारत में मुसलमानों की आर्थिक स्थिति का आकलन करना था।
साफ शब्दों में कहें तो कांग्रेस ने भारत के अस्तित्व को तालिबानी बनाने के लिए सच्चर आयोग बनाया था।
सच्चर आयोग ने सोनिया गांधी के कहने पर एक मनगढ़ंत रिपोर्ट तैयार की और देश के सामने यह झूठ पेश किया कि भारत में मुसलमानों की स्थिति दलितों और आदिवासियों से भी बदतर है।
अब सच्चर आयोग ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को मुसलमानों की स्थिति सुधारने के लिए 10 उपाय सुझाए और इसे जल्द से जल्द भारत में लागू करने की मांग की।
वे 10 बड़ी मांगें इस प्रकार थीं:
(1) मुसलमानों को भारत में उनकी आबादी के हिसाब से दोगुने अधिकार मिलने चाहिए, यानी अगर कोई मुसलमान 1 वोट डालता है, तो उसे 2 वोट माना जाना चाहिए।
(2) मुसलमानों को ओबीसी आरक्षण के साथ-साथ एससी/एसटी आरक्षण का पूरा लाभ मिलना चाहिए।
(3) अगर कोई मुसलमान किसी बैंक से लोन लेता है, तो लोन का आधा हिस्सा केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर चुकाएं और भारत के कुल बजट का 20% मुसलमानों के लिए निकाला जाए और बाकी बजट से पूरे देश को चलाया जाए।
(4) मुसलमानों को आईआईटी/आईआईएम और एमबीबीएस समेत सभी तरह की ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के तहत मुफ्त शिक्षा दी जानी चाहिए।
(5) भारत के शिक्षा मंत्रालय को आईएएस/आईपीएस/पीसीएस और जज बनने के लिए मुसलमानों की मदरसा डिग्री को भी मान्यता देनी चाहिए।
(6) भारत में सांसदों की 30% सीटें तथा प्रत्येक राज्य में विधायकों की 40% सीटें मुसलमानों के लिए आरक्षित होनी चाहिए।
(7) भारत में प्रत्येक राज्य सरकार को बोर्ड, निगमों तथा सरकारी नौकरियों में मुसलमानों की हिस्सेदारी बढ़ाकर 50% करनी चाहिए।
(8) मुसलमानों के लिए व्यापार करने हेतु प्रत्येक राज्य में अलग औद्योगिक क्षेत्र होने चाहिए तथा उन्हें ऋण-मुक्त ऋण के साथ-साथ निःशुल्क बिजली तथा निःशुल्क भूमि मिलनी चाहिए।
(9) मुस्लिम लड़कियों की शादी के लिए केन्द्र सरकार को 5 लाख रुपए तथा राज्य सरकार को 2 लाख रुपए तथा मुस्लिम लड़कों के स्वरोजगार के लिए सरकार को 10 लाख रुपए का अनुदान देना चाहिए।
(10) जिस भी गांव, कस्बे, शहर या जिले में मुस्लिम आबादी 25% से अधिक है, उसे केवल मुसलमानों के लिए चुनाव लड़ने हेतु आरक्षित किया जाना चाहिए।
👆 “सच्चर आयोग” के बारे में यह सारी जानकारी आपको गूगल और यूट्यूब पर आसानी से मिल जाएगी।
बीजेपी के कड़े विरोध के बाद कांग्रेस “सच्चर आयोग” लागू नहीं कर पाई, वरना मुसलमानों के 2 वोट हिंदुओं के 1 वोट से ज़्यादा गिने जाते और भारत की राजनीति और पूरे देश के संसाधन मुसलमानों के कब्ज़े में चले जाते। वैसे, इस समय भारत के 56% संसाधनों पर मुसलमानों का कब्ज़ा हो चुका है।
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