चूरू। सादुलपुर तहसील के गांव ठिमाऊ बड़ी में शहीद सतीश स्वामी का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। शहीद का अंतिम संस्कार उनके भाई रविन्द्र ने किया। ग्रामीण शहीद के माता-पिता को सांत्वना दे रहे थे। गांव में दिनभर मातम का माहौल रहा। गम के चलते गांव में चूल्हे तक नहीं जले। सतीश स्वामी गत रविवार को जम्मू-कश्मीर के द्राज सेक्टर में ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए थे। मंगलवार को उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव लाया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए और शहीद सतीश स्वामी अमर रहे के नारे लगाए। सभी की आंखें नम थीं।
सतीश पांच वर्ष पूर्व सेना में भर्ती हुए थे। वे 5/8 गोरखा राइफल रेजिमेंट में तैनात थे। परिजन ने बताया कि सतीश जून में तीन महीने की छुट्टी आए थे। वे फरवरी में छुट्टी पर घर आने वाले थे। जब भी छुट्टी आते गांव के युवाओं को सेना में भर्ती होने की प्रेरणा देते थे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही पूरी की थी। शहीद के भाई रविन्द्र भी सेना की तैयारी कर रहे हैं। सतीश दो भाइयों में बड़े थे। दोनों भाइयों की अभी शादी नहीं हुई।
चूरू के जवान का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार, नम आंखों से ग्रामीणों ने दी श्रद्धांजलि
