दिल्ली की तथाकथित मुख्यमंत्री #आतिशी, एक दुष्ट, अवसरवादी, वामपंथी महिला है : बाबूजी सुशील कुमार सरावगी

नई दिल्ली 10 जनवरी शुक्रवार 2025 आज रोहिणी विधान सभा क्षेत्र दिल्ली में बाबूजी सुशील कुमार सरावगी जिंदल राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी राष्ट्रीय विचार मंच ने जनसंर्क अभियान में अपने उद्बोधन में देश को बताया कि
दिल्ली की तथाकथित मुख्यमंत्री #आतिशी,एक दुष्ट,अवसरवादी, वामपंथी महिला है।

यह वही औरत है जिसने 2019 के लोकसभा चु FCनाव प्रचार के दौरान लोगों से कहा था कि अगर भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ एक #गुंडा भी खड़ा हो तो उसे वोट दे देना पर भाजपा को वोट मत देना, क्योंकि नरेन्द्र मोदी को हराना है।

और आज ये प्रेस के सामने रो रही थी कि रमेश विधूड़ी ने मेरे पिता को गाली दी।अरी मोहतरमा!शब्दों पर मत जाइए।रमेश विधूड़ी ने जो मूल प्रश्न उठाया है उसका उत्तर दीजिए।उनका, और हम सबका, प्रश्न यह है कि आपने अपने पिता द्वारा दिए गए नाम #मारलेना को चालीस सालों बाद अब ड्रॉप क्यों किया?जाहिर है कि आपको अपने पिता द्वारा दिए गए नाम पर शर्म आती थी।अगर गर्व होता तो उसे नहीं हटातीं।दरअसल,अन्य आपियों की तरह आप भी अपने वामपंथी चरित्र को आम जनता से छुपाना चाहती थीं। “मारलेना” नाम से यह पता चल रहा था कि आप एक घोर वामपंथी माता-पिता की संतान हैं जो Marx और Lenin से इतने अधिक प्रभावित थे कि आपका सरनेम ही MarLena रख दिया।

दिल्ली विश्वविद्यालय की academic circle में जो लोग रहे हैं उन्हें पता है कि किस प्रकार आपके पिता विजय सिंह और माँ तृप्ता वाही दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाते कम थे,नक्सली,जेहादी एजेंडा को प्रोमोट ज्यादा करते थे।हद तो तब हो गई जब आपके माँ-बाप ने भारत की संसद पर हमले के गुनाहगार अफजल गुरु की फाँसी रुकवाने के लिए कैंपेन किया और इस बाबत देश के राष्ट्रपति को चिट्ठी तक लिख डाली।क्या आपको अपने माता-पिता के इस कुकृत्य पर कभी शर्म आई?क्या आपने एक आतंकी का समर्थन करने के लिए अपने माता-पिता की निंदा की?नहीं की। क्योंकि आप स्वयं एक नक्सली हैं जो गुंडागर्दी को प्रोमोट करती है। जब दिल्ली नगर निगम में मेयर पद का चुनाव हो रहा था तो उसे disrupt करने के लिए आपने वहाँ अपने महिला पार्षदों को भाजपा के पार्षदों पर शारीरिक हमला करने के लिए उकसाया – यह पूरी दिल्ली ने देखा।ऐसा कर के आपने उन संस्कारों को चरितार्थ किया जो आपके नक्सली माँ-बाप ने आपमें कूट-कूट कर भरे हैं।

इतना ही नहीं,जब आप ही की पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल को तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने सरकारी आवास पर अपने गुंडे विभव कुमार से पिटवाया तब आपने अपनी महिला सांसद के समर्थन में खड़े होने की बजाय उसे ही कटघरे में खड़ा कर दिया कि वह बीजेपी के इशारे पर ऐसा कर रही है।आपने कहा कि स्वाति के कॉल रिकॉर्ड्स चेक किए जाने चाहिए ताकि ये पता चले कि वह घटना से पहले किन भाजपा नेताओं के संपर्क में थीं! पर आपने एक बार यह नहीं कहा कि मुख्यमंत्री के आवास पर उस समय की CCTV रिकॉर्डिंग check की जाए ताकि दूध का दूध,पानी का पानी हो जाए।उस समय आपका महिला उत्पीड़न का तत्वबोध शून्य हो चुका था।

कुछ वर्ष पूर्व जब नरेला की आम आदमी पार्टी की महिला कार्यकर्ता सोनी ने अपनी ही पार्टी के नेता रमेश भारद्वाज द्वारा मानसिक एवं शारीरिक प्रताड़ना के खिलाफ केजरीवाल के समक्ष गुहार लगाई तो केजरीवाल ने उस पुरुष नेता के खिलाफ एक्शन लेने के बजाय उस महिला कार्यकर्ता से ही कहा कि “compromise कर लो”.इससे सोनी इतनी दुःखी हो गई कि उसने आत्महत्या कर ली।पर आत्महत्या करने के पहले उसने केजरीवाल के महिला-विरोधी चरित्र को उजागर कर दिया। पर आप तब भी चुप थीं।तब नहीं लगा आपको कि आपको अपने महिला साथी के उत्पीड़न को पार्टी के अंदर जोरशोर से उठा कर उसे न्याय दिलवाना चाहिए।

पर आज आपके माता-पिता की सच्चाई को कोई सामने ला देता है तो आपको संसदीय गरिमा और महिला के आत्मसम्मान की बात याद आने लगती है।मर्यादा का यह बोध उस दिन कहाँ चला गया था जब आपके नेता केजरीवाल, प्रधानमंत्री को “देशद्रोही” कह रहे थे, “मानसिक रोगी” कह रहे थे, “चौथी पास राजा” कह कर उनका मजाक उड़ा रहे थे,दिल्ली विधानसभा के अंदर बैठ कर दिल्ली के उपराज्यपाल को “कौन LG, कहाँ का LG” कह कर तिरस्कार कर रहे थे,कश्मीर घाटी से विस्थापित हिन्दू परिवारों का यह कह कर मजाक उड़ा रहे थे कि कश्मीर फाइल्स मूवी में जैसा बताया गया है वैसा कुछ हुआ ही नहीं है।

शर्म आनी चाहिए आपको,मिस आतिशी!सच तो यह है कि आपको अपने माँ-बाप से अच्छे संस्कार ही नहीं मिले। मिले होते तो पब्लिक लाइफ में गुंडई को प्रोमोट नहीं करतीं।याकूब मेमन और अफजल गुरु जैसे देश के दुश्मनों को सपोर्ट करने वाले विजय सिंह और तृप्ता वाही की बेटी से उम्मीद ही क्या की जा सकती है!

इतना ही नहीं,आपने मुख्यमंत्री पद ग्रहण करने के बाद जिस तरह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर यह कह कर नहीं बैठीं कि यह कुर्सी तो केजरीवाल जी की है, इस पर बैठने का अधिकार उन्हीं का है,वह दिखाता है कि आपने संविधान का मजाक बना के रख दिया है।आपने मुख्यमंत्री के पद को केजरीवाल की जागीर मान लिया है।

पर आपको बता दूँ कि यह स्थिति ज्यादा दिन नहीं चलने वाली।आपका नेता अरविंद केजरीवाल एक महाभ्रष्ट आदमी है, यह जगजाहिर हो चुका है।सिर्फ वही नहीं,पूरी की पूरी आम आदमी पार्टी,including you, भ्रष्टाचारियों की पार्टी है,यह दिल्ली की जनता ने देख लिया है।

इसलिए आप कितना भी रोने-धोने का नाटक कर लें,इस बार जनता आपके झांसे में नहीं आने वाली।हम अगले 27 दिन तक आपको expose करते रहेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली से हमेशा-हमेशा के लिए विदाई हो।हम यह सुनिश्चित करेंगे कि दिल्ली में भाजपा की सरकार बने और मजबूत सरकार बने।

बहुत हो चुकी aap की नौटंकी! अब आखरी पड़ाव पर सांस ले रही हैं। अरविंद्र केजरीवाल महा झूठा और विश्व भर मे एक नंबर गद्दार व्यक्ति है। TV channel रोज इसकी बनावटी बातों का प्रचार और जन मानस में किया संदेश देना चाहते है। मीडिया को अब देश के गद्दारों का नहीं उभरते युवा भारत निर्माण को दिखाना होगा। लोग अब टीवी न्यूज को देखना पसंद नहीं कर रहे है । प्रातः काल से लेकर गद्दारों को बार बार दिखाना यह किया दर्शाता हैं। इस पर मीडिया को त्वरित गति से संज्ञान लेने की जरूरत है। धीरे धीरे मीडिया पर भरोसा और विश्वास कम हुआ है। यह जानकारी आज विज्ञप्ति जारी कर राहुल गोयल राष्ट्रीय महामंत्री डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी राष्ट्रीय विचार मंच ने बताई।

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